नए UPI नियम – बैलेंस चेक सीमा, ऑटोपेमेंट समय और ट्रांज़ैक्शन स्टेटस (NPCI द्वारा लागू)

नए UPI नियम
नए UPI नियम 1 अगस्त 2025 से लागू हो रहे हैं और ये उपयोगकर्ताओं के लिए बैलेंस चेक सीमा, ऑटोपेमेंट प्रक्रिया और ट्रांज़ैक्शन स्टेटस जैसी सुविधाओं में सुधार लाएंगे। NPCI द्वारा जारी सर्कुलर में इन बदलावों को विस्तृत रूप से बताया गया है।
नए UPI नियम उपयोगकर्ताओं को बैंक‑बैलेंस चेक करने की संख्या को रोजाना 25 बार तक सीमित करेंगे। इसका उद्देश्य API पर अत्यधिक लोड से बचना है। इसी तरह, ऑटोपेमेंट सुविधा केवल गैर‑पीक घंटे (सुबह 10 बजे से पहले, दोपहर 1‑5 बजे और रात 9:30 बजे के बाद) में प्रसारित की जाएगी, जिससे सिस्टम स्थिरता में सुधार होगा। ट्रांज़ैक्शन स्टेटस अब पेमेंट के तुरंत बाद अपडेट होगा, और इसे अधिकतम 3 बार 90‑सेकंड के अंतराल पर चेक किया जा सकता है।
ऑटोपेमेंट प्रोसेसिंग और समय सीमा
NPCI के अनुसार, ऑटोपेमेंट अब केवल गैर‑पीक समय में प्रोसेस होंगे। यदि ऑटोपेमेंट का समय 11 AM है, तो वह सर्चेड समय से पहले या बाद में डेबिट हो सकता है। साथ ही, यदि पहली बार भुगतान सफल नहीं होता है, तो पुनः प्रयास किया जाएगा; फिर भी सफलता न मिले तो ऑटोपेमेंट रद्द किया जाएगा। ये बदलाव नए UPI नियम 1 अगस्त 2025 से लागू होंगे।
बैंक विवरण और ट्रांज़ैक्शन स्टेटस
ग्राहक अब अपनी मोबाइल नंबर से जुड़े बैंक की सूची रोजाना अधिकतम 25 बार देख सकते हैं। इसके अलावा, ट्रांज़ैक्शन स्टेटस केवल 3 बार और 90‑सेकेंड के अंतराल से जांची जा सकेगी, जिससे “पेन्डिंग” की स्थिति तुरंत साफ हो जाएगी। ट्रांज़ैक्शन शुरू करने से पहले प्राप्तकर्ता का नाम भी दिखेगा ताकि गलत व्यक्ति को पैसे न भेजें।
इन नए UPI नियमों की अवहेलना करने पर NPCI UPI API प्रतिबंध, जुर्माना, नए ग्राहकों के ऑनबोर्डिंग रोकने जैसे कदम उठा सकता है।
External Authoritative Link Suggestion:
NPCI (National Payments Corporation of India) की आधिकारिक वेबसाइट पर जारी सर्कुलर का लिंक।
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