दुबई बना अमीरों की पहली पसंद: भारतीयों को नई वीजा नीति से सुनहरा मौका

दुनिया के सबसे अमीर लोग अब पारंपरिक शहरों को छोड़कर नई संभावनाओं की तलाश में हैं। इस बदलाव का सबसे बड़ा उदाहरण है — दुबई। अपने शून्य आयकर नीति, अत्याधुनिक इन्फ्रास्ट्रक्चर और गोल्डन वीजा सिस्टम के कारण **दुबई अमीरों की पहली पसंद** बनता जा रहा है। खासकर भारतीयों के लिए नई वीजा नीति एक सुनहरा अवसर लेकर आई है। दुबई अमीरों की पहली पसंद क्यों बन रहा है?हाल की वैश्विक प्रवृत्तियों से यह स्पष्ट हो गया है कि दुबई अमीरों की पहली पसंद बन चुका है। न्यूयॉर्क, लंदन और पेरिस जैसे शहरों को पीछे छोड़ते हुए यह मरुस्थलीय महानगर अब धनकुबेरों का नया ठिकाना बन रहा है। यह केवल एक प्रवृत्ति नहीं बल्कि एक आर्थिक और सामाजिक बदलाव का संकेत है।
किस-किस देश के अमीर दुबई का रुख कर रहे हैं?
2024 की रिपोर्ट के अनुसार, लगभग 1.28 लाख करोड़पति इस वर्ष अपने देश से बाहर बसने की योजना बना रहे हैं। इनमें सबसे बड़ा आकर्षण दुबई है।
यूरोप से सर्वाधिक पलायन
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ब्रिटेन: 9,500 करोड़पति पलायन कर रहे हैं
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फ्रांस: 800 करोड़पति
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स्पेन: 500
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जर्मनी: 400
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नॉर्वे, स्वीडन, आयरलैंड जैसे छोटे देशों से भी लगातार धन की निकासी हो रही है
एशिया की स्थिति
चीन से 15,200 करोड़पति और भारत से भी बड़ी संख्या में धनकुबेर दुबई की ओर आकर्षित हो रहे हैं। रूस और मध्य पूर्व से भी लोगों का प्रवाह जारी है।
दुबई के आकर्षण के पीछे की वजहें
शून्य आयकर नीति
दुबई अमीरों की पहली पसंद बनने का सबसे बड़ा कारण यहां की शून्य व्यक्तिगत आयकर नीति है। इससे करोड़ों की टैक्स बचत संभव है।
गोल्डन वीजा सिस्टम
यूएई की यह योजना निवेशकों और पेशेवरों को 5–10 वर्षों तक निवास की सुविधा देती है। इसे पाना अब पहले से अधिक सरल हो गया है।
लोकेशन और सुविधाएं
पूर्व और पश्चिम के बीच रणनीतिक स्थिति के कारण दुबई वैश्विक व्यापार के लिए एक आदर्श केंद्र है।
भारतीयों के लिए वीजा नीति में बदलाव
13 फरवरी 2025 से भारतीयों को वीज़ा ऑन अराइवल की सुविधा दी जा रही है यदि उनके पास ऑस्ट्रेलिया, कनाडा, जापान, न्यूज़ीलैंड, सिंगापुर या दक्षिण कोरिया का वैध निवास परमिट हो।
मौजूदा स्थिति:
जो भारतीय नागरिक अमेरिका, यूके, या यूरोपीय यूनियन में रेजिडेंसी रखते हैं, वे पहले से ही 14 दिन के लिए दुबई में वीजा ऑन अराइवल पा सकते हैं।
लागत और विस्तार:
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प्रारंभिक वीजा फीस: 100 AED (लगभग ₹2250)
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14 दिन के एक्सटेंशन की फीस: 225 AED (लगभग ₹5625)
दुबई में बसने के विकल्प और योग्यता
व्यापारी और निवेशक
न्यूनतम निवेश राशि के साथ व्यापार शुरू कर गोल्डन वीजा पाया जा सकता है।
प्रोफेशनल्स और फ्रीलांसर
आईटी, हेल्थ, फाइनेंस और इंजीनियरिंग क्षेत्र के विशेषज्ञों को विशेष वीजा योजनाएं मिल रही हैं। फ्रीलांसर वीजा भी उपलब्ध है।
रियल एस्टेट निवेशक
निवेश करके संपत्ति खरीदने से भी लंबी अवधि का निवास अधिकार प्राप्त किया जा सकता है।
आर्थिक लाभ और भविष्य की संभावनाएं
2024 में 6,700 करोड़पति दुबई में स्थानांतरित होने का अनुमान है। यह संख्या 2025 में और भी बढ़ने की उम्मीद है।
इससे अरबों डॉलर की विदेशी मुद्रा UAE में आएगी
नए रोजगार, व्यापार और सहयोग के अवसर खुलेंगे
निष्कर्ष: सुनहरा अवसर या ब्रेन ड्रेन?
दुबई अमीरों की पहली पसंद बन चुका है, खासकर भारतीयों के लिए यह एक सुनहरा अवसर बनकर सामने आया है। लेकिन भारत के लिए यह सोचने की बात है कि कैसे वह अपने प्रतिभाशाली और संपन्न नागरिकों को देश में रोके रखे। वैश्विक आर्थिक परिदृश्य में दुबई का यह उदय एक नए युग की शुरुआत का प्रतीक है।
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📌 Disclaimer
यह लेख वर्तमान सूचनाओं और रिपोर्ट्स पर आधारित है। वीजा नीति में बदलाव के लिए नवीनतम जानकारी के लिए यूएई के आधिकारिक स्रोतों से संपर्क करें।
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